RANGI LAL GALI

Author : SWATI GAUTAM

ISBN No : 9789389648232

Language : Hindi

Categories : HINDI

Sub Categories : FICTION

Publisher : WESTLAND PUBLICATIONS


सिर्फ़ अपने आनंद के लिए एक इंसान अपनी जघन्यता को किस तरह देवत्व का नाम दे देता है, यह उपन्यास इसी की कहानी कहता है। राक्षस औेर देवता हमारे अंदर ही होते हैं। उसके लिए डरावनी शक्लें और बाहर निकले हुए दाँत होना ज़रूरी नहीं है। उपन्यास ‘रंगी लाल गली’ एक ऐसे राक्षस यानी साइको सीरियल किलर की कहानी है जो लोगों की हत्या करने को उनकी मुक्ति मानता है। कुल 21 ख़ून किए थे उसने, और लोगों को मुक्ति देकर वह ईश्वर बनने की राह पर था। आठ साल की उम्र में उसने पहला ख़ून किया, तभी से उसे ख़ून का स्वाद भा गया था और ख़ून चखने में उसे आनंद आने लगा था। और अंत में जब वह अपनी ही पत्नी की हत्या करने की कोशिश करता है, तो पकड़ा जाता है। कोर्ट में वह स्वीकारता है कि उसे अब मौत की सज़ा का भी कोई ग़म नहीं है, क्योंकि वह ईश्वरत्व को महसूस कर रहा है। जब उसे फ़ाँसी की सज़ा सुनाई गई, तब उसने कहा कि मौत उसे मार नहीं सकती, वह अमर हो चुका है, वह फिर जन्म लेगा। यानी समाज में ऐसे राक्षस जन्म लेते रहेंगे। समाज में ऐसी मनोविकृतियाँ कैसे जन्म लेती हैं, इसे जानने के लिए इस कहानी को पढ़ा जाना बहुत ज़रूरी है। वृंदावन के एक मोहल्ले का ऐतिहासिक नाम है ‘रंगी लाल गली’, जहाँ उस साइको किलर की विधवा रहने लगती है, गूँगी-बहरी बनकर।

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